हम नेशन-स्टेट के युग में रहते हैं। राष्ट्रवाद, अतीत की सांझी भावना �"र भविष्य के सांझे उद्देश्य पर आधारित होता है। नेशन-स्टेट से बढ़कर भारत एक सभ्यता है, एक सम्पूर्ण सभ्यता। इस सभ्यता को ताज़ा �"र जीवंत बनाए रखने �"र इसके पोषण के लिए सभी दिशा�"ं से हवाऐं जरुरी हैं। लेकिन उन हवा�"ं को विनाशकारी तूफान में बदलने की अनुमति कतई नहीं दी जा सकती, जिससे सभ्यता के उखाड़ फेंकने का खतरा हो, जो कि राष्ट्रीयता का आधार है।
जिहादवाद �"र मा�"वाद ऐसे दो प्रमुख विनाशकारी तूफान हैं। इन तूफानों को हवा देने वाले भारत के दुश्मन होने के साथ-साथ धर्मांतरण की ताकतें भी हैं। उन्हें वैचारिक �"र भौतिक, दोनों स्तरों पर कुचलना होगा।
हम इस गलत धारणा के कारण समस्या�"ं से निपटने से कतराते रहे हैं कि सभी विचारधाराऐं मूल रूप से सौम्य �"र लाभकारी होती हैं। आज़ादी के बाद का हमारा 73 साल का अनुभव इसका प्रमाण है। इस गलत धारणा ने अकेले कश्मीर में कम से कम एक लाख लोगों की जान ले ली, जिसके परिणामस्वरूप जिहादियों ने घाटी से कश्मीरी हिन्दु�"ं का सफाया कर दिया।
सरदार पटेल ने तो तेलंगाना में कम्युनिस्ट विद्रोह को कुचल दिया था, लेकिन वर्षों के बाद हमारे राजनीतिक वर्ग की भ्रष्टता �"र निक्कमेपन के कारण, यह 'रेड कॉरिडोर', तिरुपति से पशुपति, तक बढ़ गया। आंतरिक मोर्चे (internal front) को सुरक्षित करने के लिए इन ताकतों का खात्मा करना जरुरी है।
यह पुस्तक 'Know the एंटी-नेशनल्स' इन शत्रु�"ं को भीतर से उजागर करती है।
Author: RSN Singh
ISBN: 9788170623335
Pages: 395
Features: HB |